जीका वायरस एक वायरल संक्रमण है जो जींद के मच्छरों के द्वारा फैलता है। इससे पहले यह संक्रमण अफ्रीका, एशिया और प्रशांत महासागर के कुछ भागों में ही मिलता था, लेकिन इसके बाद से इसने अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ अन्य हिस्सों में भी फैलाव प्राप्त किया है। जीका वायरस एक सामान्यतः अस्थायी संक्रमण होता है जो ज्यादातर मामलों में दर्द, बुखार और चक्कर जैसे लक्षणों के साथ एक सप्ताह से दस दिन तक रहता है।
जीका वायरस से लड़ने के लिए सबसे अच्छा तरीका इससे बचाव ही है। जीका संक्रमण के दौरान शरीर को प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त पानी पीना, मच्छरों से बचना, प्रतिबंधित क्षेत्रों से दूर रहना और अंतिम तहत जीवाणुओं से बचने के लिए आपकी स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी होता है। इसके अलावा, अगर आपको लगता है कि आप जीका संक्रमण से पीड़ित हो गए हैं, तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण बढ़ते हुए संक्रमण के दौरान तथा संक्रमण के कुछ हफ्तों बाद दिखाई देते हैं। कुछ संक्रमित व्यक्तियों में लक्षण नहीं होते हैं अथवा बहुत हल्के होते हैं। कुछ मामलों में जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं: 1. बुखार 2. चक्कर 3. उल्टी 4. आंखों में लालिमा 5. शरीर में दर्द 6. मांसपेशियों का दर्द 7. जोरों का दर्द 8. जुएंगी 9. बुखार नियंत्रण में न आने की स्थिति अगर आपके इन लक्षणों में से कुछ दिखाई दे रहे हैं तो आप जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करें ताकि संक्रमण का सही समय पर पता चल सके और उपचार किया जा सके।
जीका वायरस संक्रमण से बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय हैं:
1. जीका वायरस फैलाने वाले मच्छरों से बचें। बचाव के लिए मच्छरों से बचने के लिए मच्छर रिपेलेंट का उपयोग करें।
2. वर्षा के मौसम में अधिक सावधानी बरतें। बारिश के समय मच्छर प्रजनन के लिए स्थानों में पानी जमा करते हैं। इसलिए बारिश के दौरान पानी को जमा न होने दें।
3. संभवतः संक्रमित स्थानों से दूर रहें। यदि आप जीका वायरस संक्रमित क्षेत्र में जा रहे हैं, तो अपने आप को मच्छरों से बचाने के लिए सुरक्षित रखें।
4. यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो डॉक्टर से सलाह लें। यदि आप प्रेग्नेंट हैं, तो आपको जीका वायरस संक्रमण से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
5. अपने शरीर को स्वस्थ रखें। आपके शरीर का अच्छी तरह से देखभाल करना आपको जीका वायरस से बचाएगा। आपको सही खाद्य पदार्थ खाने, पर्याप्त नींद लेने, रोज व्यायाम करने और सुषम विश्राम करने की
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